These are some of the lines by Gulzar I came across describing sunset. If you have come across any better description of sunset, I don't want to know you or them. Just joking. Put them up in comments and I will tell you how they are inspired by Gulzar. :)
ज़रा सी देर पहले ही
जो सूरज बस गुरूब होने चला था
एक उड़ते प्लेन के पहिये के नीचे आते आते बच गया था !
बिदका के हट गया था वो,
बहुत फिसलन थी और कायी जमी थी बादलों की
पकड़ के आसमां, कोशिश भी की उसने संभलने की !
संभल पाया नहीं वोह गीले पैरों पर
गिरा और गोते खाते खाते पानी में ,
उफ़क के पार डूबा 'ग़प गुड़प गुबाश'
अभी तक आसमां पर कुछ घिसटती उँगलियों के दाग़ बाकी हैं ..
-Gulzar
ज़रा सी देर पहले ही
जो सूरज बस गुरूब होने चला था
एक उड़ते प्लेन के पहिये के नीचे आते आते बच गया था !
बिदका के हट गया था वो,
बहुत फिसलन थी और कायी जमी थी बादलों की
पकड़ के आसमां, कोशिश भी की उसने संभलने की !
संभल पाया नहीं वोह गीले पैरों पर
गिरा और गोते खाते खाते पानी में ,
उफ़क के पार डूबा 'ग़प गुड़प गुबाश'
अभी तक आसमां पर कुछ घिसटती उँगलियों के दाग़ बाकी हैं ..
-Gulzar
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